प्रश्नावली के संबंध में विवरण
श्री महाराज जी दवारा निर्मित प्रश्नावली लोकोपकार के लिए एक प्रसिद्धि निरपेक्ष सज्जन आदमी ने दी। वह यहाँ प्रसिंद्ध की है। यह देखने की रीति इसप्रकार है : मनोकामना पूरी होने के लिए, आप श्री क्षेत्र माणगांव के श्री. प. प. टेंब्ये स्वामीजी दवारा स्थापित दत्तमंदिर में श्रीदत्त महाराज के सामने खडे हैं, ऐसा मन में सोच लो। बाद में अपने कुलस्वामिनी, आराध्यदेवता, स्थानदेवता, ग्रामदेवता, वास्तुदेवता, पूर्वज तथा सदगुरूओं की प्रार्थना करें। अपना प्रश्न श्री दत्त महाराज जी से बताकर उपर्युक्त सभी देवताओं का फिर एक बार स्मरण करें। इसके उपरांत प्रश्नावली के किसी एक अक्षर पर ऊँगली रखें। जिस अक्षर पर ऊँगली रखी है, उसके आगे अक्षरों की गिनती शुरू करें। गिनती करते समय अठारहवाँ अक्षर कागज पर लिख दें। इस प्रकार पहले जिस अक्षर पर ऊँगली रखी है उस अक्षर तक अठारह- अठारह अक्षरों की गिनती करें तथा हर अठाराहवाँ अक्षर क्रमसे कागज पर लिखकर रखिए। इन अठारह अक्षरों को मिलाकर एक मराठी श्लोक बन जाता है। इसमें दत्तमहात्म्य पढीए, कृष्णा पढीए पंचपदी करें तथा करूणात्रिपदी गायन करें। आदि रूपों में मनोकामना पूरी होने के लिए –साधन बताया जाता है। श्रद्धा से उसी प्रकार पढकर सदगुरू की कृपा से इष्ट सिद्धि की प्राप्ति करें।
साइटपर उपलब्ध इस प्रश्नावलीमे दर्शायें किसीभी अक्षरपर क्लिक करनेपर आंपको श्लोक तथा साधन/विवरण दर्शाया जायेगा.
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